दोस्तों
काम नहीं करने का बहाना
और
कामयाबी
कभी साथ साथ खड़े नहीं रह सकते ।
अगर आप कामयाबी चाहते हे तो आपको
काम नहीं करने के मामले में
बहाने बाज़ी करना तो छोड़ना ही होगा
वरना कामयाबी खुद
आपके दरवाज़े पर
दस्तक देने के मामले में माफ़ी मांग लेगी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 जनवरी 2011
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लगातार पतन के मार्ग पर चलते हुए हमारे समाज में मुफ्तखोरी की मानसिकता विकसित हो गई है. आज के युग में जब कोई व्यक्ति अपने जॉब के बारे में बात करता है तो उसकी तारीफ़ में अक्सर कहता है कि मुझे बहुत कम करना पड़ता है और अधिकतर खाली बैठा रहता हूँ अर्थात मुफ्त कि तनख्वाह लेना अच्छा माना जाता है. इसी कारण दफ्तरों में अक्सर किसी भी व्यक्ति का काम करने के बदले अलग से धन की मांग कि जाती है क्योंकि तनख्वाह के बदले काम करने की भावना तो समाप्त हो चुकी है. भ्रष्टाचार की ख़ास वजह भी यही मानसिकता है.
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