तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 जनवरी 2011
यह महंगाई डायन हे के कम ही नहीं होती हे
दोस्तों हमारे देश के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह की खासमखास महंगाई इनकी निकटतम रिश्तेदार हे इसलियें यह महंगाई बेरी देश की जनता के लियें डायन बन गयी हे , भये देह के नेताओं को तो सर्किट हाउस सुविधा हे और सर्किट हाउस में सभी नेताओं को मुफ्त में या टोकन मनी में खाना और ठहरना मिलता हे इसलियें उन्हें रसोई और आवश्यक वस्तुओं के भाव का पता नहीं पता अतो जब चलता हे जब चंदा देने आये व्यापारी उनसे कहते हे के सरकार इस बार तो बहुत फायदा हुआ हे खेर यह तो लूट पात राजनीती किस सिफत हे लेकिन देश में महंगाई इन दिनों चरम सीमा पर हे और हालात यह हें के महंगाई को अगर विश्व स्तर पर देखा जाए तो तेज़ी से बढ़ी इस महंगाई की चाल को गिनीज़ रिकोर्ड और लिम्का बुक में दर्ज किया जा सकता हे हमारे देश में आवश्यक कहां पान वस्तुओं पर महंगाई ३.८८ थी जो अल्प समय में ही बढ़ कर १८.३२ हो गयी हे इस पर तुर्रा यह हे के केंद्र सरकार ने महंगाई नियन्त्रण के लियें महत्वपूर्ण उपाय किये हें पहले मनमोहन,फिर शरद पंवार अब प्रणव दा देश और देश की जनता का सत्यानास करने में जुटे हें देखते हें जनता आगे आगे और महंगाई पीछे पीछे हे अब देश का क्या होता हे ..... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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