दोस्तों
कभी किसी को
यूँ
बेकार ना समझना
देखलो
घड़ी खराब हो
तब भी
दो वक्त तो
ही वक्त बताती हे
सरदार हें
जिनका दिन में
दो बार बारह बजने पर
दिमाग खराब होता हे
लेकिन एक पठान होता हे
जिसका दिमाग तो
चोबीस घंटे
खराब होता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
11 जनवरी 2011
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वाह! खुद पर हंसना मामूली बत नहीं है अख्तर जी. सुन्दर है.
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