दोस्तों
यह एक सच हे
जो बहुत लोगों को पता हे
बहुत लोगों को पता नहीं
के वक्त लोट कर आता हे
और हाँ
वर्ष २००५ का वक्त एक बार फिर
लोट आया हे
नहीं समझे ना
जनाब आप मोबाइल उठाइये
वर्ष २००५ का केलेंडर निकालियें और वर्ष २०११ से मिलाईयें
कोई फर्क हो तो बताइयें
फर्क नहीं हे ना
इसलियें भाई
वक्त को अपना वफादार बनाइए इसकी कीमत समझिये
जो कम जिस बक्त पर करना हो उसी वक्त पर कर डालियें
इन्तिज़ार मत कीजिये टिप्पणी का बटन दबाइए
जो मन में हो मुझे और मेरे मित्रों को बताइए ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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