कोटा की सडकों पर आवारा जानवरों के उत्पात से रोज़ मर्रा दुर्घटनाएं हो रही हें वाहन चालकों को दिक्क्क्तें हो रही हें और इन जानवरों के सडक पर मचाये जाने वाले उत्पात से जनता दुखी हो चली हे लोग गिरकर या टकरा कर दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हें । कोटा के अधिकारी और मंत्री जी भी आवारा जानवरों के इस उत्पात से दुखी हे ।
हाल ही में पिछले दिनों ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी के डोक्टर सुधीर और नईमुद्दीन एडवोकेट की एक जनहित याचिका की सुनवाई के दोरान जब अदालत ने इस कार्य के लियें नगर निगम कोटा और पुलिस अधीक्षक कोटा को पाबन्द किया तो दोनों में विवाद हो गया नगर निगम का तो आरोप था के हम कम करना चाहते हें लेकिन आवारा जानवरों के मालिक हम पर हमला करते हें और पुलिस हमारी सुनवाई नहीं करती इधर पुलिस ने इसे गम्भीरता से लिया और कलेक्टर पर दबाव डाला कर जवाब देने वाले अधिकारी को सस्पेंड करवा दिया गया । इधर अदालत के आदेश के बाद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो राजस्थान के केबिनेट मंत्री भरतसिंह और शान्ति धारीवाल ने इस मामलें में अधिकारीयों को सख्त निर्देश दिए और बड़ी मुश्किलों में एक हफ्ते पूर्व आवारा जानवरों के मामल में कार्यवाही शुरू हुई तो आवारा जानवर के मालिक लामबंद हो गये भाजपा इनके बचाव में आ गयी और पकड़े गये जानवरों को ठेकेदार के कर्मचारियों पर हमला कर छुडवाने लगे भी बात जो निगम अधिकारी ने अदालत से खी थी उसकी पुनराव्रत्ति हुई पुलिस ने इस मामले में अभी तक ना तो कोई मुकदमा दर्ज किया हे और न ही कोई कार्यवाही कर ऐसे कर्मचारियों को सुरक्षा उपलब्ध कराई हे बस फिर क्या हे सडकों पर खुलेआम आवारा जानवरों का उत्पात और राहगीरों की जान को खतरा बना हुआ हे .... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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