दोस्तों
बस
इतनी सी बात
आँधियों को
बता कर रखना
रौशनी होगी
इसलियें आँधियों में भी
चिरागों को
जलाए रखना
अपनी जान
अपना लहू देकर
हिफाजत की हे
हमने जिसकी
बस उस हिन्दुस्तान को
बनाये रखना
इसकी शान, बान ,आन हे तिरंगा
इस तिरंगे को दोस्तों
अपने दिल में
बसाये रखना ।
नया साल बहुत बहुत मुबारक हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 दिसंबर 2010
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नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
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