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22 दिसंबर 2010

कोटा के वकीलों की हडताल सर दर्द बनी

कोटा में राजस्व मंडल की डबल बेंच और हाईकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर वकील हड़ताल पर हे यहाँ वकीलों को प्लाट और उपभोक्ता फ़ोरम की सर्किट बेंच की मांग पहले ही पूरी हो चुकी हे बस राजस्व मंडल बेंच की मांग पर पहले तो खुद मुख्यमंत्री जी ने स्वीक्रति दी थी लेकिन बाद में मुख्यमंत्री जी ने कोटा के वकीलों से मिलने से ही इंकार कर दिया कहा पहले हडताल खत्म करो फिर सोचेंगे , वकीलों ने एक साल तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वायदे का इन्तिज़ार किया फिर उन्हें वायदा याद दिलाया बहुत प्यार से उन्हें कोटा के वकीलों ने समझाया फिर भी उन्होंने जब अपना वायदा नहीं निभाया तो चेतावनी स्वरूप ज्ञापन दिया फिर भी मुख्यमंत्री जी नहीं मने तो एक दिन की सांकेतिक हडताल कर एक सप्ताह का वक्त दिया और फिर भी जब मुख्यमंत्री जी नहीं माने तो अनिश्चित कालीन हड़ताल करना पढ़ी कोटा के वकीलों को कोटा के मंत्री शांति धारीवाल ने प्लाट देने की घोषणा की फिर अदालत के लियें अलग से दूर जमीन आवंटित की गयी उपभोक्ता सर्किट बेंच की घोषणा हुई लेकिन राजस्व मंडल की मांग जस की तस हे अब वकील कोटा में हडताल कर रहे हें यहाँ अभिभाषक परिषद के चुनाव हो गये एक वकील साहब कमल चंद जी गुप्ता ने एक प्रत्याक्षी से वोट मांगते वक्त अभद्रता की थी प्रत्याक्षी जी जब तो चुप रहे लेकिन आज आन्दोलन के दोरान वकील कमलचंद गुप्ता की मां बहन एक कर उन्हें उनकी ओकात याद दिला दी इन वकील साहब को अध्यक्ष पद पर खराब काम करने के कारण साधारण सभा ने अपदस्त किया था इसलियें वकील भी इनसे नाराज़ थे फर्जी वकालत नामा लगाकर मुकदमा किसी के पक्ष में करवाने का फोजदारी मुकदमा भी इनके खिलाफ हे इसलियें इन वकील साहब की तरफ कोई नहीं बोला नई निर्वाचित कार्यकारिणी स्टेशन पर मंत्री जी का आशीर्वाद लेने ट्रेन पर क्या गयी यहाँ बवाल आ गया हाल की कार्यकारिणी ने एतराज़ जताया के जब हम सरकार के खिलाफ हडताल पर हे तो फिर कसी हेसियत से मंत्री जी से यह लोग मिलने गये बात तू तड़ाक से लेकर समझोते पर आकर टिकी और अब फिर तूफ़ान के पहले की खामोशी हे कोटा के वकील आज फिर सडकों पर आनोलन कर जिंदाबाद मुर्दाबाद करते हुए निकले लेकिन नई कार्यकारिणी के निर्वाचन होने पर ४ जनवरी को पुरानी कार्यकारिणी कार्यभार सम्भला देगी नई कार्यकारिणी शायद हड़ताल खत्म करने का कोई रास्ता निकाले लेकिन अब वोह भी शायद पुरानी कार्यकारिणी के काल की कमिया तो खोजेगी और फिर वही तू तड़ाक पर बात आकर टिकेगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. अख़्तर भाई, ये तो सब चलता रहेगा। कोशिश तो ये होनी चाहिए कि वकील सही रास्ते पर चल पड़ें।

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