आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

22 दिसंबर 2010

मेने देखा हे ..

मेने देखा हे
तुम मुझ से
लाख बुलाने पर भी
मिलने
ना आ सके
मेने देखा हे
ना बरसात थी
ना ही तुम्हारे पाँव में
महंदी थी
ना ही रात थी
बस यूँ कहिये
तुम्हें
मंजूर नहीं
हमसे
मुलाक़ात थी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...