आपका-अख्तर खान

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19 दिसंबर 2010

ठीक मेरे
सामने
लुटेरों को देखकर
घबरा गया में
मेरे पास
था जो भी माल
उसे छुपा कर
मुहाफ़िज़ों की
भीड़ में
में चला गया
दोस्तों
क्या बताऊं
लुटेरे से तो बच गया
बस मुहाफ़िज़ों ने
जो कुछ था
पास मेरे
वोह लुट लिया
मुहाफ़िज़ों की
लुट से तंग
में जब
लुटा पिता
सडक पर भागा
तो बस
वही लुटेरा
जिससे देख कर
बचने के लियें
में मुहाफ़िज़ों के पास
गया था
उसी ने
फिर मेरी आबरू
इन
मुहाफ़िज़ों से बचाकर
मुझे
अचम्भित कर दिया ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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