विश्व में शान्ति और सद्भावना सहित अन्य अनुकरणीय कार्यों के लियें दिया जाने वाला अंतराष्ट्रीय पुरस्कार समारोह कुर्सी खाली होने के कारण फीका रहा .नार्वे में दिए जाने वाले इस पुरस्कार समारोह में करीब ७४ साल बाद पहली बार खाली कुर्सी रही हे भारत सहित ५४ देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल थे , इस बार चीन ने बहिष्कार किया हे क्योंकि चीन के बागी नेता जो इन दिनों जेल में बंद हें उस जीयु जियाको को इस पुरस्कार के लियें चयनित किया गया था और इसी लियें चीन का प्रतिनिधि तो नहीं आया चीन ने इस बागी नेता के रिश्तेदारों को भी पुरस्कार लेने आने की इजाजत नहीं दी ।
देश के इस सर्वोच्च सम्मान की कुर्सी खाली रहना अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बनाये जाने वाले मानवाधिकार दिवसों और दुसरे दिवसों पर तो सवाल खड़ा करता ही हे साथ ही संयुक्त राष्ट्र महा संघ के प्रबन्धन को भी शर्मसार करता हे वेसे विश्व के सभी देशों के रुपयों पर मजे करने वाली इस संस्था का इराक और अफगानिस्तान युद्ध में अमेरिका के नरसंहार के बाद कोई ओचित्य भी नहीं रहा हे इसलियें इस संस्था को खत्म कर देना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)