कोटा में सडकों पर
आवारा जानवरों का उत्पात रोकने के लियें
कुछ महीने पहले
नगर निगम कोटा ने
अख़बारों में एक विज्ञापन दिया
विज्ञापन में लिखा था के
सडकों पर घुमने वाले आवारा जानवर अगर नहीं हटे
तो अमुक तिथि तक उनकी धरपकड की जायेगी
बेचारे जानवर थे अख़बार पढ़ नहीं सके
इसलियें वोह सडकों से नहीं हटे
नगर निगम कोटा से विपक्ष ने
आवारा जानवरों के लियें इस तरह महंगे विज्ञापन छपवाने का कारण पूंछा तो
निगम ने अपनी गलती मानी फिर दुबारा
जानवरों के मालिकों को चेतावनी देते हुए
विज्ञापन प्रकाशित किया गया
गुर्जरों के आन्दोलन में भी पहले दिन से ही सरकार ने
अपना खजाना अखबारी और टीवी विज्ञापनों के लियें खोल दिया हे
टी वी पर और अख़बारों में आप रोज़
अनावश्यक लाखों करोड़ों के विज्ञापन देख रहे हें
यह जो बात विज्ञापन में दी जा रही हे खबरों में भी लगातार छप रही हे फिर बेकार करोड़ों का खर्च क्यूँ ,
जनाब आप लोग भी जरा मुख्यमंत्री जी से इस बिना वजह की फ़िज़ूल खर्ची का कारण तो पूंछ लें
अख़बारों में बे फ़िज़ूल विज्ञापन जब सरकार देती हे तो
समझ लेना चाहिए के दाल में कुछ काला हे
और जनता से मिडिया को बहुत कुछ छुपाने के लियें
यह जनता का पैसा विज्ञापन के रूप में दिया जा रहा हे देखते हें इन बेवजह करोड़ों के विज्ञापन से
सरकार को जनता को
क्या लाभ मिलता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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