दोस्तों वर्ष २०१० जाने के इन्तिज़ार में हे कुछ दिन शेष बचे हें अपनी म़ोत जिंदिगी का अपन को कोई पता नहीं लेकिन कुछ दिनों बाद वर्ष २०११ नई उमंग नई सुबह लेकर जरुर आयेगा में इस ब्लोगर की दुनिया में मार्च २०१० में पैदा हुआ था और ब्लोगर भाईयों के साथ लगातार हंसी ठिठोली करने का प्रयास कर रहा हूँ कई ब्लोगर हें जो बहुत बहुत महान हें भाई ललित जी ,भाई द्विवेदी जी बहन संगीता,बहन वन्दना जी, उदय भाई सही सेकड़ों ऐसे ब्लोगर हें जिनका प्यार मुझे अक्सर मिलता रहा मेने ब्लोगर की दुनिया में मासूम भाई और फिरदोस बहन सहित कई लोगों की तकरारें भी देखी हें , ब्लोगर्स की गंदी भाषाएँ नंगा पन भी सहा हे लेकिन एक बात तो साफ हे के वर्ष दो हजार दस ब्लोगिस्तान का वर्ष रहा इस साल इंटरनेट के इस युग में ब्लोगर्स की दुनिया चोथी दुनिया के रूप में उभरी हे यहाँ चोटों को बढों का प्यार बढों को छोटों का मान सम्मान भी मिला हे , बस एक कमी अखरती हे के ब्लोगर्स एक दुसरे की प्रशंसा करने और एक दुसरे को संदेश के जरिये सीख देने में कंजूसी बरतते हें कुछ ब्लोगर्स हें जो खुद को सबसे बहतरीन ब्लोगर्स समझने के अवसाद से गुजर रहे हें और वोह सभी ब्लोगर्स को तुच्छ और छोटा ब्लोगर्स समझते हें इसी गुस्से में मेरे भाइयों ने जूनियर ब्लोगर्स एसोसिएशन का गठन किया यह उचित कदम नहीं था लेकिन फिर भी इससे गुणवत्ता में व्रद्धी हुई हे और ब्लोगर भाइयों में प्यार मिला हे ।
कोटा में मेरे एक मित्र साप्ताहिक अख़बार निकालते थे उन्होंने अख़बार को सरकार से आन्यता के लियें आवेदन क्या सम्पादकीय उस अख़बार में में लिखता था जनसम्पर्क निदेशालय के एक अधिकारी इस अख़बार की फाइलें देख कर मान्यता नहीं देते थे और नोट डालते थे सम्पादकीय स्तर हीन हे एक बार दो बार कई बार यही जब नोट डाला जाने लगा तो हमने इस साप्ताहिक अख़बार में हु बहु राजस्थान पत्रिका और दुसरे अंक में देनिक भास्कर का सम्पादकीय प्रकाशित कर दिया फिर फ़ाइल लगी जाँच हुई और नोट डाला गया के सम्पादकीय स्तर हीन हे तब हमे समझ में आया के सम्पादकीय स्तर हीन नहीं थे बलके जन्समार्क निदेशालय के अधिकारी जी की बुद्धि स्तर हीन थी हम भी जयपुर जा पहुंचे और हमने पत्रिका और भास्कर के सम्पादकीय और अधिकारी की टिप्पणियों से वरिष्ट अधिकारीयों को अवगत कराया तो जनाब सरकार ने इन अधिकारी जी को तो निलम्बित कर दिया और मेरे मित्र के अख़बार को मान्यता देकर विज्ञापन दे दिए दोस्तों यह कडवा सच में आपको इसलियें कह रहा हूँ के अगर खुले मन से किसी भी ब्लोगर का ब्लॉग किसी भी व्यक्ति द्वारा पढ़ा जाए तो एके दिन नहीं दो दिन नहीं लेकिन कुछ दिनों बाद टिप्पणियों का दोर जरुर शुर होता हे लेकिन कुछ हे जो ब्लॉग अव्वल तो पढना ही पसंद नहीं करते और अगर पढ़ते हे तो होसला अफजाई नहीं करते उनकी अपनी अलग दुनिया हे इन लोगों ने तय कर रखा हे के एक विशेष ग्रुप एक दुसरे को टिप्पणियाँ देगा तो जनाब आप जो लिख रहे हें अगर वही बात दुसरा ब्लोगर लिखेगा तो उसे सेकड़ों तिप्प्निया मिलेंगी लेकिन आपने अगर दूसरों से भी अच्छा लिखा हे तो आपको टिप्पणियाँ नहीं मिलेंगी लेकिन जो मिलेंगी वोह मोलिक होगी बनावटी नहीं होंगी यानी आपको मिली एक मोलिक टिप्पणी क्रत्रिम ग्रुप में बंधे लोगों पर भरी होगी तो दोस्तों कभी किसी ब्लोगर को अगर टिप्पणी नहीं मिले तो निराश मत होना मेरी तरह बिना पीछे मूढ़ कर देखे लिखते रहना लिखते रहना एक दिन खुद बा खुद आपकी पोस्टे जब बढती जाएँगी तो लोग टिप्पणियाँ देने के लियें मजबूर हो जायेंगे । दोस्तों ब्लॉग की दुनिया में कई लोग हें जो इस दुनिया को सुगन्धित कर रहे हें कई लोग हें जो इस दुनिया के रीड की हड्डी बने हे तो कई लोग हें जो इसकी आँखें , कान और जुबान बने हें और इसीलियें इस ब्लोगिस्तान के बाग़ को हम नये नये फूलों से सजा संवार दें और बाग़ बैग कर दें आप सब ब्ल्गोर भाइयों को मेरा सलाम मेरा प्रणाम मेरा राम राम मेरा सत सिरी अकाल मेरा गद ब्लेस यु मुझे इतना झेला इसके लियें थेंक यु । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 दिसंबर 2010
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अख़्तर भाई,
जवाब देंहटाएंटिप्पणियाँ किसी ब्लाग की सफलता का मानक नहीं हो सकतीं। इस का मानक तो उस की पाठक संख्या ही हो सकती है। अनेक ऐसे ब्लाग हैं जिन पर कभी टिप्पणियाँ नहीं होतीं। लेकिन उन की पाठक संख्या हजारों में होती है।
अख्तर भाई जी
जवाब देंहटाएंमैं द्विवेदी से अक्षरश: सहमत हूँ।सार्थक लेखक के पास पाठक स्वयं चलकर आते हैं।
सच कहा आपने अख्तर भाई लेकिन स्तरीय लेख किसी की टिप्पणीयोँ के मोहताज नहीँ होते ,
जवाब देंहटाएंकिसी भी लेख की सार्थकता उसकी पाठक संख्या ही तय करती हैँ। लेकिन टिप्पणीयाँ दिशा तय करती है तथा विचारोँ का आदान प्रदान करती है। आप बहुत अच्छा लिख रहे है । शुभकामनायेँ!