तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
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17 दिसंबर 2010
कह दो तूफ़ान से
ऐ समुन्द्र तूफ़ान और लहरों से कह दो के हो लिया उत्पात जितना होना था कश्ती अपनी लेकर मैदान में अब हम आ गये हें , मचा ली तबाही जितनी तुम मचा सकते थे बस अब भाग जाओ लोगों के जख्मों पर मलहम लगाने अब हम फिर आ गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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