दोस्तों कहावत हे के मां के पेरों के नीचे जन्नत होती हे और उसकी डांट की मिठास व्यक्ति को समाज में महान बना देती हे कल दो माताओं का यह जलवा देश के बड़े मंचों पर देखने को मिला पहली मां नितीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के मां थीं जिन से आशीर्वाद लेकर उन्होंने फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली धन्य हें ऐसे बेटे जो इस मुकाम पर भी मां को आदरणीय मां कर सार्वजनिक उदाहरण पेश करते हें वरना आज तो बस लोग जन्नत मां के पैर के नीचे नहीं पत्नी के पैर के नीचे मानने लगे हें और मां को तिरस्क्रत कर छोड़ देते हें ।
मां के सम्मान का एक दुसरा अनूठा उदाहरण राजस्थान में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ऐ के मिश्रा के शपथ ग्रहण समारोह में देखने को मिला जहां राजस्थान की हाईकोर्ट के इस शीर्ष जज के शपथ ग्रहण समारोह में खद मां ने अपने बेटे के अनुभव उपस्थित लोगों के साथ बांटे जस्टिस ऐ के मिश्रा की मां ने कहा के मेरा यह बेटा स्कुल देर से जाता था तो डांट खाता था लेकिन एक बार डांट खाने के बाद कभी स्कुल में देरी नहींकी और फिर इस सपूत ने पहले मध्यप्रदेश में वकालत की फिर वहां वकीलों की नेतागिरी करने के बाद जनाब मिश्रा साहब देश की शीर्ष वकीलों की संस्था बार कोंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमेन बने और अब राजस्थान हाईकोर्ट के शीर्ष जज के पद से इन्हें नवाज़ा गया हे लेकिन इसमें उनकी काबलियत के साथ साथ उनकी माँ की डांट का प्यार और मां के आशीर्वाद का प्रताप शामिल हे काश सभी की माएं ऐसी हो और उनके पुत्र नितीश कुमार और ऐ के मिश्रा की तरह हों। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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