आपका-अख्तर खान

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01 नवंबर 2010

ऐ समुन्द्र तेरी प्यास

ऐ समुन्द्र
सेकड़ों नदियों को
पीकर भी
बुझती नहीं
तेरी प्यास
तू ही बता
तेरी प्यास क्या हे
ऐ समुन्द्र
ना जाने
कितना खजाना
छुपा हे
तुझ में
फिर भी
तू ही बता
तेरी आस क्या हे
ऐ समुन्द्र
तू ही बता
तेरी प्यास किया हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. सम्वेदनायें भी कागज पर उतर सकती हैं... वाकई.

    जवाब देंहटाएं
  2. गहरी बात कह दी आपने। नज़र आती हुये पर भी यकीं नहीं आता।

    जवाब देंहटाएं

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