तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 नवंबर 2010
ग्राम न्यायालयों का राजस्थान में उदघाटन
राजस्थान में मुख्य मंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रिव विधि मंत्री वीरपा मोइली ने कल बस्सी में पहली ग्राम न्यायालय का उद्घाटन किया । देश में ग्राम न्यायालय अधिनियम अलग से पारित किया गया हे जिसमें छोटी पंचायतों में छोटे मामलों के निस्तारण के लियें ग्राम न्यायालय स्थापित किये गये हें राजस्थान में करीब ४८ ग्राम न्यायालय काम करना शुरू कर देंगे । केंदीय विधि मंत्रालय और राजस्थान सरकार का यह कार्य चाहे लगों को थोड़ी ख़ुशी देने वाला हो सकता हे लेकिन राजस्थान में निरंतर बढ़ रही मुकदमों की संख्या और देश का सबस बढ़ा राज्य होने के कारण यहाँ राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच का विकेंद्रिक्र्ण नहीं होने से आम आदमी को सुवाई के लियें कोसों दूर जोधपुर या फिर जयपुर आना जाना पढ़ता हे जयपुर में अगर कोई बारां झालावाड का पक्षकार जाए तो करीब ४०० किलोमीटर की दुरी और महंगे वकील सालों इन्तिज़ार उसे तो कंगाल ही कर देते हें इसलियें कोटा के वकील कोटा में ही हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग पर अढे हें केन्रिय विधि मंत्री और राजस्थान सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की हे इतना ही नहीं राजस्थान में ४० जजों के मुकाबले केवल २५ जज हे जो लाखों के मुकदमों की संख्या के मुकाबले में नाकाफी ही नहीं ऊंट के मुंह में जीरा हें नतीजन जो लोग जेल में हें उनके मामलों की सुनवाई भी सालों नहीं हो पा रही हे इस से भी बुरी हालत जिला न्यायालयों की हे वहन वकील जज और रीडर बाबुओं की बेठने की परिसर व्यवस्था नहीं हे जजों के कई पद रिक्त पढ़े हें और मुकदमों का अम्बार लगा हुआ हें , ऐसे में केंद्र और राजस्थान सरकार को हाईकोर्ट की बेंच का विकेंद्रीकरण करने नये जजों की नियुक्ति करने और जिला न्यायलयों में आवश्यक परिसर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के बारे में गम्भीरता से सोचना चाहिए क्योंकि अभी जनवरी में रात्री कालीन अदालतों की भी शुरुआत होने वाली हे और कोटा सहित कई सम्भागीय मुख्यालयों पर इन अदालतों के लियें अधिकारी,कर्मचारी और भवन परिसर की भी व्यवस्था करना हे ऐसे में सरकार की इस मामले में ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती हे वेसे सरकार को हर सम्भागीय मुख्यालय पर दो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति करना चाहिए ताकि एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तो प्रशासनिक कार्य निपटाए और दुसरे मजिस्ट्रेट न्यायिक कार्य निपटाए और सभी न्यायालयों में सी सी कमरे हो तो जज वकीलों का आचरण खुद बा खुद ही सुदर जाएगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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