तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 नवंबर 2010
मुम्बई के शहीदों को सलाम ...
दोस्तों मुम्बई और मुम्बई ही क्यूँ देश के लियें आज वोह मनहूस दिन जिसके आतंकवाद के बारे में सोच कर भी हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हें लेकिन इस डर और खोफ के वातावरण के साथ ही जो बहादुरी हमारे देश ,देश के नोजवानों और देश के लगों ने दिखाई उस बारे में सोच कर सीना गर्व से चोडा हो जाता हे , दोस्तों देश के सबसे तेज़ तर्रार और बहादुर पुलिस अधिकारीयों और सेवक सिपाहियों को हमने इस आतंकवाद में खोया हे इसलियें आज इस दिन की बरसी पर सभी शहीदों को मेरी तरफ से और मेरे कोटा शहर की तरफ से अश्रु पूर्ण श्रद्धांजली दोस्तों कहते हें के जो हें के जो होना होता हे वोह होता हे उसे कोई नहीं रोक सकता लेकिन हम इस घटना की जब समीक्षा करते हें तो आज हम केवल इसे मामूली सी घटना समझ कर घर बेठने वाले आम आदमी लगते हें । हमारे देश में इस घटना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति सहित कई दुसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष आये लेकिन हम पाकिस्तान की इस घटिया हरकत और इसके पीछे छुपे भेडियों को सजा दिलाने के लिएँ अब तक बेनकाब भी नहीं कर सके में सोचता हूँ हम कहां हे हमारा देश कहां हे एक पाकिस्तान जेसे आतंकवादी देश को पनाह देने वाला उसे हथियार और आर्थिक मदद देने वाला देश अमेरिका का राष्ट्रपति हमारे देश में आता हे और हम उससे पाकिस्तान में बेठे देश के दुश्मनों को हमारे हवाले करने की पेरवी करने के लियें भी कहलवा पाने में असमर्थ रहते हें , कहां हे हमारी कूटनीति खुद आतंक फेलाने वाले लोग उसे हवा देने वाले लोग हमारे महमान बनते हें करोड़ों रूपये देश के खर्च करते हें और देश की पहली जरूरत आतंकवाद और इसे फेलाने वाले देश पर हमला हम पूरी नहीं कर पते हमला तो दूर की बात हम उस देश के खिलाफ माहोल बना पाने में भी असमर्थ रहते हें तो जनाब आज के दिन अगर हम संकल्प लें के किसी भी घटना में फंसे आतंकवादी को दंडित करवाने के सभी प्रयास करेंगे और पर्दे के पीछे जो देश यह आतंक फेला रहा हे उस का नाम विश्व के नक्शे से मिटा कर भारत के नक्शे में मिलाने के लियें यथा सम्भव प्रयास करने का संकल्प लेंगे और यही हमारी इन शहीदों को श्रद्धांजली होगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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विनम्र श्रद्धांजली
जवाब देंहटाएंशहीदों को श्रद्धांजली!!
जवाब देंहटाएंऔर सलाम अख्तर आपको, जहाँ इस पर और लोग चुप है, आपने यादगार श्रद्धांजली दी।
सलाम आपकी भावनाओं को।
नमन!
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