तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 नवंबर 2010
आर एस एस के इन्द्रेश जी क्या राजनीती हे
देश में अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट के आरोपियों से सम्बन्ध रखने के आरोपी इन्द्रेश कुमार का नाम चार्जशीट में आने से संघ स्तब्ध हे लेकिन उनका नाम आने के बाद भी उन्हें अभियुक्त नहीं बनाया जाना और केवल नाम आने का ही प्रचार करना अपने आप में राजनीति को स्तब्ध कर देने वाला हे , दोस्तों यह वही इन्द्रेश जी हे जो सोफ्ट हिन्दू बनकर संघ के चेहरे पर मुस्लिम विरोधी होने की कालिख को हटाने का संकल्प लेकर इन्होने देश में एक राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के नाम से कार्यक्रम शुरू क्या था और इन्द्रेश जी ने कुछ दिनों में ही अपने साथ रास्ट्रवादी मुस्लिम मंच के नाम पर कुछ मोकापरस्त और आपराधि किस्म के लोगों की एक टीम एकत्रित कर ली थी इसमें कई बिना दीगर वाले मोलाना और मुफ्ती भी शामिल थे । इन्द्रेश जी ने राष्ट्रिय और राज्य स्तर पर काफी सम्मेलन किये भाजपा की विचारधारा को प्रचारित करने वाले मुस्लिम कवियों और शायरों को जमा कर मुशायरे करवाय गये और मुसलमानों में जो कमजोर कड़ी मोकापरस्त लोग थे उनको काफी लालच देकर उनके मदरसों को चंदा और कम्प्यूटर दिलवाकर कुछ लोगों को सरकार में पद दिलवाने का लालच देकर इन्द्रेश जी ने अपने साथ जोड़ लिया था कहते हें के राजस्थान सरकार में मुस्लिम इदारों में जिसे भी नियुक्ति दी गयी उसको इन्द्रेश जी का सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही नियुक्त क्या जाता था मदरसा बोर्ड में मुश्ताक अंसारी । फिर हिदायत कहां । वक्फ बोर्ड में सलावत खान सहित ऐसे कई लोग हे जिनकी सरकारी नियुक्ति इन्द्रेश जी के रहमोकरम पर थी कोटा सहित कई जिलों के नकली मुफ्ती और नकली मोलाना ऐसे हें जिन्हें मंच पर बिठा कर मुस्लिमों का भाजपा के साथ आना प्रचारित क्या गया कई मदरसों में इन्द्रेश जी ने चंदे दिलवाए तो सरकारी मदद से कम्प्यूटर वगेरा दिलवाए अगर उस वक्त के इन्द्रेश समर्थक मोलाना और दुसरे लोगों की लिस्ट ली जाये तो आज भी यह लोग राजस्थान के मुसलमानों में झगड़े फसाद फेलाकर माहोल बिगड़ने की कोशिशों में लगे हें हालात यह हें के यह लोग आमदनी कम करते हें लेकिन दो नम्बर का चंदा लेकर इन्होने अपने इदारों को लेकर बढ़ा कर लिया हे इसीलियें अब इन्द्रेश जी का अजमेर ब्लास्ट में नाम आने पर ऐसे सभी समर्थित मुस्लिमों के तोते उड़ गये हें इधर अगर कोंग्रेस यह फंदा नहीं फेलाती तो बस काफी मुसलमान कोंग्रेस छोड़ कर इन्द्रेश से प्रभावित होकर भाजपा की राह पकड़ने लगे थे अब इन्द्रेश का चार्जशीट में नाम हे लेकिन वोह मुलजिम नहीं बनाये गये उनकी गिरफ्तारी नहीं की गयी जबकि विधि विरुद्ध क्रियाकलाप कानून में तो ऐसे लोगों से मिलना , बात करना या समर्थन करना अगर शामिल हो जाए तो बस फिर वोह इस कानून के तहत अपराधी हे लेकिन इन्द्रेश का नाम आने पर भी उनके शामिल होने का प्रचार पूरा और उनकी गिरफ्तारी नहीं यह साबित करती हे के कहीं न कहीं राजनीती तो हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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