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29 नवंबर 2010

कोटा नगर निगम की लापरवाही से ७० लाख रूपये प्रति माह का घटा

कोटा में नगर निगम की लापरवाही से नगर निगम प्रति माह सत्तर लाख रूपये का घाटा उठाया हे और कोटा कलेक्टर टी रविकांत ने जब इस मामले में नगर निगम कोटा के अधिकारीयों को बुला कर इस मामले में बात की तो निगम के अधिकारी इस मामले में अगल बगल झाँकने लगे , कोटा कलेक्टर ने जब नगर निगम से पूंछा के निजी मोबाइल कम्पनियों के कोटा में कितने टावर लगे हें और इनकी स्वीक्रति हे या नहीं अगर स्वीक्रति हे तो इन टावरों से अब तक कितनी राशी वसूली गयी । कलेक्टर के इस सवाल पर अपनी आमदनी बढ़ाने की बात करने वाली नगर निगम के अधिकारीयों के पास कोई जवाब नहीं था फिर कोटा कलेक्टर टी रविकांत ने निगम के अधिकारीयों को इस मामले में वसूली नियम बताये कलेक्टर ने जब निगम के अधिकारीयों को बताया के कोटा में लगभग १२० टावर लगे हें और इनसे टॉवर लगाने का शुल्क पचास हजार रूपये प्रति टावर लेने का नियम हे जबकि इन टावरों से पांच हजार रूपये प्रतिमाह किराया शुल्क भी निगम लेगा इस बाबत नियम बने हें इस तरह से निगम को करीब सत्तर लाख रूपये प्रतिमाह का नुकसान हो रहा हे जबकि सात करोड़ का अस्थायी आमदनी का नुकसान हुआ हे । ताज्जुब हे के खुद को घाटे में बताने वाली नगर निगम को घाटे से उबरने के लियें कोटा कलेक्टर को पाठ पढ़ाना पढ़ रहा हे और कोटा कलेक्टर टी रविकांत की बदोलत अब निगम को घाटे से उबरने के लियें खूब आमदनी होने वाली हे इसके लियें कोटा कलेक्टर धन्यवाद के पात्र हें । अख्तर कहां अकेला कोटा राजस्थान

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