आपका-अख्तर खान

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04 नवंबर 2010

दिवाली की मुबारक से आज की शुरुआत

दोस्तों आज दिवाली हे
लेकिन क्या करें
मोसम से कोई नहीं जीत सकता
और कहते हें
के एक मच्छर
आदमी को जाने किया बना देता हे
इसलियें शायद मच्छर ने हमें प्यार कर लिया
और फिर वोह मच्छर मादा थी इसलियें मादा मच्छर के खतरे तो आप जानते ही हे
मच्छर ही क्यूँ मादा कोई भी हो होती तो खतरनाक ही हे
बस इसीलियें शायद हमे डेंगू या चिकन गुनिया हो गया हे
डॉक्टरों को तो काफी लम्बी जांचों के बाद ही पता चलेगा
लेकिन अब गोलियां खाली हे
बिस्तर पर पढ़े पढ़े जब बोर हो गये
तो दीपावली की इस खुशहाली पर हम आपके साथ जुड़ना चाहते हें
आपकी दुआएं फिर से हमें जल्दी स्वस्थ कर देंगी
इस लियें फिर से हेप्पी दिवाली के नारे के साथ
आज सुबह ९.३० बजे को अपनी सुबह मानकर
दिन की शुरुआत कर रहा हूँ
आप लोगों का प्यार हे इसलियें जनता हूँ
एक मच्छर तो क्या हजारों मच्छर और मच्छरनी
भी अपना कुछ नहीं बिगड़ सकते
तो दोस्तों ,बहनों,भाईयों आदर्नियों
एक बार फिर दीपावली मुबारक हो।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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