आपका-अख्तर खान

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06 नवंबर 2010

बहुत बचता हूँ हसीनाओं से ....

ऐ दोस्त
में बहुत
बचता हूँ
इन हसीनाओं से
पर क्या करूं
इन हसीनाओं से
टकराहट
हो ही जाती हे
में फरिश्ता नहीं
केवल इंसान हूँ
इसलियें
जब कोई
हसीना
मुझे देख कर
इठलाती हे
तो कमबख्त
उस पर
मेरे तबियत
आ ही जाती हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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