दोस्तों उल्लू समाज में एक गाली मन जाता हे किसी भी लापरवाह अनियमित कम करने वाले उत्पाती को उल्लू उल्लू का पट्ठा कहकर सम्बोधित क्या जाता हे लेकिन तांत्रिकों और दवा बनाने वालों के लियें यही उल्लू वरदान हे , इतना ही नहीं इन दिनों उल्लू की हेरी पोर्टर के किरदार के कारण पूछ बढ़ गयी हे जबकि कई लोग अन्धविश्वास के चलत दीपावली के वक्त विशेष तरीके से लक्ष्मी का वाहन होने के कारण इस उल्लू को घर में लाकर इसकी हत्या कर देते हे उनका मानना हे के लक्ष्मी घर आ तो गयी लेकिन वाहन यानि उल्लू के बगेर वापस नहीं जा सकेगी और घर में रहकर घर को सुख सम्रद्धि देगी बस इसलियें उल्लू की हत्या करने की परम्परा हे ।
देश में लगातार उल्लुओं की संख्या घटने से वन और पर्यावरण मंत्रालय चितित हे हालत यह हे के कल वन मंत्री जय राम रमेश ने लम्बा छोड़ा भाषण दे मारा उनका कहना हे के देश में दो तरह की उल्लू प्रजातियाँ हे जो किसानों के लियें खेती के कार्यों में बहुत उपयोगी हें लेकिन अंग्रेजी लेखक हेरी पोर्टर के एक किरदार के साथ उल्लू रहता हे और इसी से प्रभावित हो कर लोग उल्लू पालने लगे हें इतना ही नहीं फेशन के तोर पर बढ़े घर के लोग एक दुसरे को उल्लू भेंट में दे रहे हें मंत्री जी का कहना हे के उल्लू को संरक्षित किये जाने के प्रयास तेज़ी पर हे उन्होंने कहा की उल्लू की प्रजाति वन संरक्ष्ण अधिनियम में संरक्षित हे और इससे छेड़छाड़ पर सजा का प्रावधान हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 नवंबर 2010
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केवल अमीर लोग उल्लू की हत्या करते हैं गरीब नहीं।
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