आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

27 नवंबर 2010

दोस्ती .

दोस्ती का
फर्ज़
यूँ क्यूँ अदा करते हो
आस्तीन में
जिनके
पलते हो
उन्हें ही
क्यूँ
ढ्सा करते हो ।
साथ जिनके चलते हो
साथ जिनके
रहते हो
उन लोगों की
पीठ पर ही
चुरा घोंपा
क्यूँ करते हो ।
दोस्तों
दोस्ती का
यह केसा हक
अदा करते हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...