कह दो उनसे
हिचकियाँ
ना लें
आज वोह
मेरे
याद करने पर
मेने
याद किया जब
ख्वाबों में वोह ना आये
तो फिर
हिचकियों का क्या ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 नवंबर 2010
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सुंदर शब्दों के साथ.... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति .
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