दुनिया में
ना कोई
अमीर हे
ना कोई गरीब
बस यह तो
आपसी समझ का
फेर हे
जब हम अपने से
छोटे को देखते हें
तब सभी लोग
हमें गरीब नजर आते हें
जब हम खुद से
ज्यादा सम्पन्न को देखते हें
तो बस
हम खुद को गरीब
पाते हें
तो दोस्तों
अगर हमें
अमीरी की जिंदगी जीना हे
तो बस अपनों से गरीबों को देखें
खुद बा खुद अपना जीवन
अमीरी का और सुखद हो जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 अक्तूबर 2010
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नेक खयाल
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
सत्य वचन। आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना। आभार।
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