तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
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31 अक्टूबर 2010
कविताएँ और कवि भी..: थोड़ा ठहरने दे
हाँ यूँ ही किसी के ब्लॉग पर में चला गया था बस यह अलफ़ाज़ वहीं से चुराए हें जिनके हे यह अलफ़ाज़ बस वोह तो इन्हें ढूंढते हें और हम इन्हीं अल्फाजों से सरे बाज़ार अपनी दुकान सजा बेठे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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