कहां हिन्दू
कहां मुसलमान
दोनों ने
बस बना लिया हे
अपना अपना स्थान ,
कहां हिन्दू
कहां मुसलमान
बस हिन्दू हो
चाहे हो मुसलमान
इसको ही
अंतिम सत्य रहा हे मान
मेरा ही स्थान
हे सम्पूर्ण
अंतिम रूप से
यही सोचता हे मुसलमान
हिन्दू सोचता हे
किसी का नहीं
सिर्फ मेरा ही हे
सारा ब्रह्माण
यहे अर्ध सत्य हे
पूर्ण सत्य तो सागर हे
जहां हिन्दू हे
ना हे मुसलमान
सागर बनो
तुम हिन्दू हो
चाहे हो मुसलमान
अपने में समा लो
सभी विचारधाराएँ
चाहे हो तुम हिन्दू
चाहे हो मुसलमान
मगर खुदा के लियें
बस बन जाओ इंसान
दिल में तुम चाहे जो रखो
वोह फिर चाहे राम हो चाहे रहमान ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 अक्तूबर 2010
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bahut achcha likhe hain.
जवाब देंहटाएंbahut accha bhai
जवाब देंहटाएंhum
h-hindu
m =muslim
u-united
चाहे हो तुम हिन्दू
जवाब देंहटाएंचाहे हो मुसलमान
मगर खुदा के लियें
बस बन जाओ इंसान
इंसानियत इंसान की धरोहर है और हम वही खो रहे हैं
सुन्दर सन्देश
बहुत सही कहा...
जवाब देंहटाएं============
"हमारा हिन्दुस्तान"
"इस्लाम और कुरआन"
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