आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

16 अक्तूबर 2010

कहां हिन्दू कहां मुसलमान

कहां हिन्दू
कहां मुसलमान
दोनों ने
बस बना लिया हे
अपना अपना स्थान ,
कहां हिन्दू
कहां मुसलमान
बस हिन्दू हो
चाहे हो मुसलमान
इसको ही
अंतिम सत्य रहा हे मान
मेरा ही स्थान
हे सम्पूर्ण
अंतिम रूप से
यही सोचता हे मुसलमान
हिन्दू सोचता हे
किसी का नहीं
सिर्फ मेरा ही हे
सारा ब्रह्माण
यहे अर्ध सत्य हे
पूर्ण सत्य तो सागर हे
जहां हिन्दू हे
ना हे मुसलमान
सागर बनो
तुम हिन्दू हो
चाहे हो मुसलमान
अपने में समा लो
सभी विचारधाराएँ
चाहे हो तुम हिन्दू
चाहे हो मुसलमान
मगर खुदा के लियें
बस बन जाओ इंसान
दिल में तुम चाहे जो रखो
वोह फिर चाहे राम हो चाहे रहमान ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

4 टिप्‍पणियां:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...