यान्ति देवव्रता देवान्पित्र्न्यान्ति पित्र्वर्त्ता;
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति म्ध्याजिनोपी मम ।
देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हें पितरों को प्राप्त होने वाले पितरों को प्राप्त होते हें भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हें,और मेरा पूजन करने वाले भक्त मुझको ही प्राप्त होते हें इसलियें मेरे भक्तों का पुनर्जन्म नहीं होता । अध्याय ९ श्लोक २५ , संकलन ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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