बुजुर्गों की
जिंदगी में
जरा झांक कर तो देखो
इनके चेहरे की झुर्रियां
हजार अनुभव सिखाती हें ,
इनके कपकपाते हाथ
डगमगाती गर्दन,थके हारे कदम
मुरझाया चेहरा
अपने अंदर सिमटी एक
कहानी कहता हे
इन बुजुर्गों से सीख लो
जो कुछ शुभ करना हे
आज ही कर लो
क्यूंकि कल आपके सामने खड़ा हे
सोच लो बचपन के बाद बुढापा
उगते सूरज और डूबता सूरज की
हकीकत खानी कहता हे
इसलियें उठो जवानों उठो
इसके पहले के तुम भी बुढा जाओ
मेरे इस देश के लियें
खुद अपने लियें
अपने बच्चों देशवासियों के लियें
कुछ अच्छा सा तो कर ही जाओ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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