आपका-अख्तर खान

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05 अक्तूबर 2010

सास और बहु

सास हो या बहु
उसके सफलतम
रिश्ते के पीछे
बस दो ही चीजें हें
उनके होंटों पर हंसी
उनके होंटों पर चुप्पी
समस्या,तनाव को
मुस्कुराहट से सुलझाना
एक दुसरे की
कडवाहट को भूल जाना
बस यही हे
एक फार्मूला
साँसों और बहुओं
तुम भी चाहो
तो इसी फार्मूले को अपना कर
अपने अपने घर को
स्वर्ग बना जाना
ताके
मेरे इस देश के
बाप ,बेटों और दामादों को
कोई न बना सके बेगाना ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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