सास हो या बहु
उसके सफलतम
रिश्ते के पीछे
बस दो ही चीजें हें
उनके होंटों पर हंसी
उनके होंटों पर चुप्पी
समस्या,तनाव को
मुस्कुराहट से सुलझाना
एक दुसरे की
कडवाहट को भूल जाना
बस यही हे
एक फार्मूला
साँसों और बहुओं
तुम भी चाहो
तो इसी फार्मूले को अपना कर
अपने अपने घर को
स्वर्ग बना जाना
ताके
मेरे इस देश के
बाप ,बेटों और दामादों को
कोई न बना सके बेगाना ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)