धर्म और पन्थ में अंतर हे
धर्म पन्थ नहीं
पथ देता हे
इसी मार्ग पर चलकर
परमात्मा को
जिया जा सकता हे
जबकि पथ
चलने के लियें
होता हे
इधर पन्थ
पकड़ने और झगड़ने
के लियें होता हे
पन्थ ही तो हे
जिसके कारण
तमाम संघर्ष होते हें
जो पन्थ हेवोह तो
पंडित,मोलवी और पादरियों की देन हे
पन्थ से परमात्मा का कोई सम्बन्ध नहीं
परमात्मा का तो
बस धर्म से ही
सम्बन्ध हे
और वोह धर्म जो
तुमने अपने दिल में
किसी के लियें
दुआ करने के लियें बिठा रखा हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 अक्तूबर 2010
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bahut gahri sateek baat kahi hai aapne..
जवाब देंहटाएंbahut adhbhut kavita
वाह बेहतरीन!
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