जो दूसरों को
सता सता कर मिले उसे सत्ता कहते हें
जो खुद को
तपा तपा कर मिले
उसे सत्य कहते हें
सत्ता के लियें
मिटाते हें लोग दूसरों को
सत्य हे
जिसके लियें खुद को
मिटाना पढ़ता हे ,
आओ देखो फर्क
सत्ता और सत्य का
बताओ मुझे
दोनों में से
तुम्हें क्या चाहिए
सत्य या सत्ता
बस मिटाना तो फिर भी पढ़ता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 अक्तूबर 2010
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बहुत सुन्दर और सटीक बात ..
जवाब देंहटाएंसही अंतर समझाया.
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