में आपसे
पूंछता हूँ
संवाद और विवाद
क्या होता हे ,
आप जानते हें
दिल से दिल की मुलाक़ात
संवाद हे ,
लेकिन बुद्धि से बुद्धि का टकराव
विवाद हे
जिसमे दिमाग हे
उसमें विवाद हे
जब दो दिल मिलेंगे
तो प्यार बढ़ेगा
और जब दो
दिमाग टकराते हें
तो पाप बढ़ता हे
विवाद गहराते हें
संवाद में किसी की
हार होती हे ना जीत
बस दोनों जीतते हें
विवाद में भी
ना किसी की हार होती हे
ना किसी की जीत
फर्क बस इतना हे
विवाद में दोनों
हार जाते हें
इसलियें भाइयों ब्लोगर दोस्तों
विवाद से बचो
संवाद कायम करो
विवाद खत्म करो
दिमाग से दिमाग मत लड़ाओ
दिल से दिल मिलाओ
और बस सुख चेन
खुद बा खुद कायम हो जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अक्तूबर 2010
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जब दो दिल मिलेंगे
जवाब देंहटाएंतो प्यार बढ़ेगा
और जब दो
दिमाग टकराते हें
तो पाप बढ़ता हे
सही रेखांकन ...
मेल चाहे दिल का हो
जवाब देंहटाएंया दिमाग का
होगा सदा लाभदायक..
और
टकराव चाहे दिल का हो
या दिमाग का
होता है हानिकारक...
सही सलाह ,संवाद कायम रहना चाहिये ।
जवाब देंहटाएंऐसी रचना पढ़ना बहुत अच्छा लगता है |अच्छी रचना के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंआशा