आपका-अख्तर खान

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23 अक्तूबर 2010

खेल दोस्तों के

खेलदोस्तों के
बन गये निराले
खुद अपनों से
सवाला करते हें
देखो ना दोस्त भी
कमाल करते हें
नाम लिखते हें दुश्मनों में मेरा
और कहने को
दोस्ती का ख्याल
रखते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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