खेलदोस्तों के
बन गये निराले
खुद अपनों से
सवाला करते हें
देखो ना दोस्त भी
कमाल करते हें
नाम लिखते हें दुश्मनों में मेरा
और कहने को
दोस्ती का ख्याल
रखते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अक्तूबर 2010
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wah..... khubsurat rachna.
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