यह जख्म
जो तुने
मुझे दिए हें
देख में इसे
हर रोज़
अपने साथ
लिए फिरता हूँ
सोचता हूँ
जख्म पर आयें वोह
और नमक मिर्च छिडकें
जो जलन लगे इस जख्म में
बस यही तो उनकी याद रहेगी
और इसी से मेरी जिंदगी
आबाद रहेगी।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 सितंबर 2010
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बेहतरीन!
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