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16 सितंबर 2010

संत आसाराम का सच बाप रे बाप

संत आसाराम का सच बाप रे बाप

देश के ही नहीं विश्व के सुप्रसिद्ध संत आशाराम जो आज खरबपति हें इनके पास खुद के हवाई जहाज़ हर शहर में अरबों खरबों की जमीन आश्रम हें लाखों भक्त इन के एक इशारे पर जान देने को तय्यार हें लेकिन आज तक के सहायक चेनल तेज़ चेनल ने जो अंदर की गंदगी अंदर का सच बयान क्या हे उससे देश को साधू संतों और भक्तों के बारे में एक नया निरिक्षण कानून बनाने के बारे में सोचना होगा ।
चेनल ने अपने स्टिंग ओपरेशन में संत बाबू आसाराम जी को कथित रूप से अपराधी महिला को पनाह देने उसे पुलिस से किस तरह से बच कर रहा जाये इसकी सलाह देते हुए बताया हे यह नंगा सच जिसमे बाबू आसाराम खुद अपराधी महिला को बचाने की जुगत में आश्रम में भक्त बना कर रखने की बात करते हें और इस महिला के डरने पर उसे मुख्यमंत्री तक के आश्रम में माथा टेकने की बात कहकर उसे हिम्मत दिलाते हें तो फिर इस देश में कानून नाम की चीज़ , चरित्र नाम की चीज़ क्या बच जाती हे , ऐसी बात नहीं हे के देश में अपराधियों को पनाह देने वाले संत आसाराम पहले अकेले संत हें सर्वाधिक प्रभावशाली संत चन्द्र स्वामी उर्फ़ नेमीचंद और कई संत जेल काट चुके हें लेकिन कुछ दम हे आसाराम में जो लाख आरोपों के बाद भी सरकार इनका कुछ नहीं बिगड़ सकी हे यह अकेले संत हें जो कानून और देश की सरकार अपनी मुट्ठी में रखते हें जो चाहते हें सो करते हें और पुलिस कानून हे के इनका मुंह तकता रहता हे ।
हाल ही में स्टिंग ओपरेशन में अपराधियों को संरक्ष्ण देने के सच के बाद केंद्र सरकार को विशेष टीम बना कर आश्रम में रह रहे सभी भक्तों के नाम पते ले कर उनकी सकुनत की तस्दीक उनके स्थायी पते से करना जरूरी हे क्योंकि इन हालातों में संत आसाराम जी के सभी आश्रमों में कहीं ना कहीं सेकड़ों ऐसे अपराधी होंगे जो छुपे बेठे होंगे क्या पता बढ़े अपराधी भी इस तलाशी में हाथ लग जाएँ , इन हालातों में अकेले संत आसाराम के आश्रमों की तलाशी और भोत्की सत्यापन ही क्यूँ बलके अब तो सरकार इस मामले में कानून बनाये और देश के सभी मदरसों दारुल उलूम ,मन्दिर,मठ,मस्जिद,आश्रमों में रह रहे सभी भक्तों की स्थायी रिहायशी की तलाश कर उनका भोतिक सत्यापन करें चाहे मोलवी हो चाहे मोलाना चाहे संत हो चाहे साधू हो चाहे पंडित हो चाहे पादरी हो चाहे हो ग्रन्थि सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों और आश्रमों की अब तलाशी कर भोतिक सत्यापन करने उनका लेखा जोखा चेक करने का वक्त आ गया हे , इस आमले में सभी धर्म के लोगों को चाहे वोह साधू हो चाहे संत हो चाहे पादरी हो चाहे ग्रन्थि हो सभी को इस जाँच का और इस सम्बन्ध में कानून का स्वागत करना चाहिए क्योंकि जब आशाराम जेसे लोग देश में गद्दारों को पनाह देने की बात करते हें तो फिर क्या पता दाउद,ओसामा जेसे ख्त्रंक अपराधी और दुसरे आतंकवादी छोटे मोटे देश के अपराधी इन आश्रमों ,मदरसों वगेराह में ही पनाह लिए बेठे हों इस मामले में राष्ट्र हित में और राष्ट्रिय सुरक्षा के लियें इस कार्याही को तो लागू आज से ही कर देना चाहिए क्या इस नियम को बनवाने और लागु करवाने के लियें केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लियें आप मेरी मदद करेंगे अगर हाँ तो प्लीज़ मेरी मदद मिरी आवाज़ में आवाज़ मिलाकर किसी भी माध्यम से पत्र या लेखन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाएं और आजतक के स्टिंग ओपरेशन के इस पहलु की भी जाँच करवाएं के जब स्टिंग ओपरेशन जून में किया गया था तो इसके प्रसारण को अब तक क्यूँ रोक रखा था कहीं कोई खिचड़ी तो नहीं पकाई जा रही थी वरना तो इतनी गम्भीरत बात जनता और सरकार तक जून में ही पहुंच जाना चाहिए थी इससे भी दल में कुछ काला लगता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी बातों में सच्चाई है...दरअसल कसूर हमारा है जो इस तरह के साधू संतों की पूजा करते हैं...साधू के पास धन का क्या काम? सत्ता का क्या काम?...लेकिन ये आज कल के साधू धनवान भी हैं और निरंकुश सत्ता धारी भी...साधू संतों के नाम पर कलंक हैं ये...इसके लिए अकेले ये ही जिम्मेदार नहीं हम सभी है..जब तक हम नहीं जागेंगे इनको सर पर बिठाये रखेंगे तब तक ऐसा ही चलता रहेगा...

    नीरज

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