तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 सितंबर 2010
शुक्र हे खुदा का
जी हाँ दोस्तों फेसला आ गया और हमारे देश के लोगों ने तमाम भ्रांतियों को अमन सुकून कायम रख झुटला दिया हे देश फेसले से स्तब्ध और प्रफुल्लित हो सकता हे क्योंकि यह एक सतत मनोवेग्यानिक प्रक्रिया हे लेकिन इस माहोल में जो देश से क्या वादा सभी पक्षों ने निभाया हे इसके लियें खुदा का जितना शुक्र अदा क्या जाए हट कम हे खुदा से आगे भी यही इल्तिजा हे के फेसले आते जाते रहें ईंट कंक्रीट के भवन बनते गिरते रहे लेकिन मानवता के मन्दिर इंसानियत की मस्जिद इस देश में हमेशा ता कयामत आबाद रहे और हेम खुदा इतनी ताकत दे के इन हालातों से हम मुकाबला कर सकें हमें खुदा इतनी अक्ल दे के हम इन मामलों को लेकर हमें बहकाने बरगलाने वालों को बेनकाब कर उनका गिरेबान पकड़ सकें । देश में अमन कायम हे इसलिए खुदा का बहुत बहुत शुक्र हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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खान साहेब, बहुत ही उम्दा विचार हैं आपके.
जवाब देंहटाएंखान साहेब, बहुत ही उम्दा विचार हैं आपके.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअमन कायम रहे!!! बस यही दुआ है.
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