दश में बेरहम नक्सली और संवेदन हीन सरकार के होने से रोज़ पुलिस जनों की हत्याएं हो रही हें सरकार में बेठे मंत्री रोज़ नक्सलियों की पीठ थपथपा रहे हें इधर मुठभेड़ में पुलिस जवान बे म़ोत मारे जा रहे हें लेकिन इन सब के बावजूद भी पटना बिहार में अपह्रत चार पुलिस कर्मियों को जिंदा छुड़ाने के मामले में केंद्र और बिहार सरकार गम्भीर नहीं रही हे, आखिर कहां गया हमारा सुचना तन्त्र, कहाँ गये हमारे कमांडो, कहाँ गये प्रशिक्षित जासूस, कहा हें जांबाज़ सिपाही फोज जो कुछ गिनती के सिरफिरे नक्सलियों को काबू नहीं कर पा रहे हें काबू करना तो दूर की बात आज तक वोह अपह्रत जवानों को पता नहीं लगा पाए हें एक की हत्या कर दी गयी हे तीन जवानों की जिंदगी आज सुबह दस बजे पर टिकी हे , बिहार के मुख्य मंत्री बयान देते हें के बातचीत का रास्ता खुला हे नक्सलियों ने मुठभेड़ में जवान मारे थे इन्हें भी मार देते अपहरण क्यूँ किया यानी बिहार के मुख्य मंत्री को जवानों की चिंता नहीं अफ़सोस इस बात का हे के नक्सलियों ने जवानों का जिंदा अपहरण क्यूँ किया मुठभेड़ में मारा क्यूँ नहीं ।
केंद्र हो चाहे मध्य प्रदेश,आंध्र,बिहार,पश्चिमी बंगाल की सरकारे हों किसी ने भी ना तो नक्सली लोगों की समस्याओं ,उनकी मांगों,उनके आतंकवादी होने के पीछे उपजी परिस्थितियों का अध्ययन नहीं किया हे आखिर किया वजह हे के गाँव के गाँव नक्सली बन गये आतंकवादी बन गये उनका सरकार और कानून से विश्वास उठ गया उन्होंने हिंसा का रास्ता अपना लिया मरते वोह भी हे म़ोत का डॉ उन्हें भी सता रहा हे तो फिर आखिर बार बार वार्ता का नाटक करने वाली यह सरकारें खुद नक्सली समस्या कारण और निवारण पर समीक्षा आयोग गठित कर उनकी वाजिब मांगों को मान कर उनके कल्याण,सुरक्षा और भविष्य के लियें एक पैकेज जारी नहीं करती लेकिन बात साफ़ हे राज्य सरकारें और केंद्र सरकार उनकी समस्याओं और समाधान मामले में गम्भीर नहीं हे नेताओं को तो उम्स्ययें किया हें , क्यूँ उन्होंने ब्न्दुकं उठायी वोह सरकार से क्या चाहते हें उनकी नाराज़गी की वजह किया हे इस बारे में भी जानकारी नहीं हे क्योंकि सरकार खुद ऐसा नहीं चाहती सिर्फ हिंसा और बातचीत के नाम पर राजनीति करना चाहती हे अगर नहीं संभाल पा रही हे सरकार तो छोड़े गद्दी और सम्भला दे हम ब्लोगर्स को फिर हम खुद समस्याओं का समाधान मिल बेठ कर कर लेंगे सरकारों को तो खुद के मंत्रियों की सुरक्षा की फ़िक्र हे उन्हें जनता की समस्या और सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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