तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 सितंबर 2010
कोटा पुलिस में आपस में ठनी
कोटा पुलिस में अप्ताधियों और गेंगेस्त्र से सांठ गाँठ के मामले में यहाँ पुलिस अधिकारीयों में मतभेद उभर कर सामने आने लगे हें । कोटा में आतंक का पर्याय बने भानु गेंगेस्टर के साथ २००६ में कोटा पुलिस ने होटल एन शराब पार्टी करते कोटा के पुलिस अधिकारी सुरेन्द्र सिंह और अन्य को पकड़ा था जिनकी जमानत अदालत से हुई लेकिन बाद में पर्याप्त सबूतों के अभाव में अदालत ने सुरेन्द्र सिंह पुलिस अधिकारी को डिस्चार्ज कर दिया और सुरेन्द्र इंह फिर से ड्यूटी पर ले लिए गये , कोटा में इस कहानी के चलते अधिकारियों में गुटबाजी हो गयी और गेंगेस्त्रों से ताल्लुक रखने वाले अधिकारीयों के खिलाफ कुछ पुलिस कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया लेकिन गेंगेस्त्र से ताल्लुक रखने वाले पुलिस अधिकारी हमेशा कोंग्रेस हो चाहे हो भाजपा प्रभावशाली रहे हें और यही कर्ण हे के आज तक प्रशासन उनका कुछ नहीं बिगड़ सका हे एक थानाधिकारी की फोन टेप तो आज भी एक वृष्ट अधिकारी के पास हे जिसमें उसे गेंगेस्त्र से सोदेबाज़ी करता हुआ बताया हे लेकिन अब बात और बढ़ गयी हे एक उप अधीक्षक स्तर के अधिकारी राजिव दत्ता ने पुलिस निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह के खिलाफ उनके मोबाइल की कोल डिटेल तात्कालिक थानाधिकारी राकेश्पाल के फर्जी हस्ताक्षर कर निकलवाने का आरोप लगाते हुए कोटा के एक पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया हे वेसे कोटा के एक वर्ष के कार्यकाल में यहाँ के सभी पुलिस अधिकारियों के मोबाइल की कोल डिटेल निकलवा कर जांच करवाई जाये तो चोकाने वाले तथ्य सामने आयेंगे और शायद आम जनता को पुलिस नाम से ही नफरत हो जाए ऐसा माहोल बन जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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पुलिस किस की है?
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