आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

22 सितंबर 2010

एक घोंसला बनाया वोह भी खाली रहा


मेने देखा हे

हमारे घर के

एक कोने में

एक चिड़िया ने

चिडे के साथ मिलकर

एक घोंसला

बनाया था

चिड़िया चिडा दोनों

उसमें प्यार से रहते थे

एक दिन

चिड़िया ने अंडे दिए

उसमें से बच्चे निकले

घोंसला आबाद हुआ

घोंसले में से चीं चीं की आवाज़ आने लगी

रोज़ चिड़िया चिड़ा

घोंसले में बच्चों के लियें

खाना लाते

चोंच से चोंच लड़ा कर

बच्चों को खाना खिलाते

कभी खेलते कभी इठलाते

कुछ दिनों बाद

बच्चों के पंख आये

वोह फड फ्डाने लगे

चिड़िया चिडे नें

बच्चों को खाना उड़ना सिखाया

एक दिन बच्चे बड़े हुए

घोंसले से उड़े

ना जाने खान गये

मेने देखा

चिड़िया चिडा फिर अकेले थे

जो घोंसला था आबाद

आज फिर उसमें वीरानी हे

में सोचा यही जीवन चक्र हे

और यही जिंदगी की सच कहानी हे ।

अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. यह तो रीत है...केवल इंसान ही अपने बच्चे से अपेक्षा रखते हैं क्योकि इंसान को सोचने-समझने की शक्ति मिली...बाकी अन्य जीवों को नहीं मिली। केवल चिड़िया के बच्चे ही नहीं उड़ते चिड़िया भी फिर उन्हें नहीं पहचानती

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...