झालावाड जिले के निर्माणाधीन थर्मल परिसर में बायलर निर्माण करते समय तीन श्रमिक असुरक्षा के चलते नीचे गिर गये जिससे तीनों श्रमिकों की मोके पर ही म़ोत हो गयी, झालावाड के थर्मल निर्माण में लगे श्रमिकों ने इस मामले में शवों को रख कर प्रदर्शन भी किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
श्रम कानून के चलते कलेक्टर किसी भी निर्माण मामले में ज़िम्मेदार होता हे और इसीलियें कलेक्टर के नियन्त्रण में श्रम विभाग के अधिकारी सुरक्षा की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हें लेकिन सुरक्षा की ज़िम्मेदारी में चुक होने और ठेकेदार से सांठ गाँठ हो जाने के कारण अधीनस्थ श्रमिक विभाग के निरीक्षक सुरक्षा की अव्यवस्थाओं से अपनी आँखें मूंद लेते हें और फिर नतीजा गम्भीर दुर्घटना होता हे झ्लावाद में इस तरह के हादसे आम हो गये हें वहां इस मामले में श्रमिक अधिकारियों,ठेकेदार और थर्मल प्रबंधकों के खिलाफ आज तक कोई मुकदमा दर्ज भी नहीं किया गया हे जो श्रमिक नियमों और दुर्घटना मामलों की जांच का भी उलन्न्घन हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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