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17 अगस्त 2010

क्या यही हे स्वतन्त्रता


इधर थूका
उधर थूका
क्या यही हे स्वतन्त्रता
इसको मारा
उसको लुटा
क्या यही हे स्तंत्रता ।
दफ्तरों में
पूरा वेतन लिया
काम धेला भर भी नहीं किया
क्या यही हे स्वतन्त्रता
जिधर देखी
सरकारी जमीन
उधर किया अतिक्रमण
क्या यही हे स्वतन्त्रता ।
इसका हक छीना
उसका हक छीना
क्या यही हे स्वतन्त्रता
यह कानून तोड़ा
वोह कानून तोडा
क्या यही हे स्वतन्त्रता
अगर नहीं
तो फिर इसे क्यूँ नहीं समझते
तोहफा अनमोल
कितने खुश किस्मत हो तुम
के तुम्हारे पास हे स्वतन्त्रता ...........
मोल तुम इक जान लो
कहना तुम मान लो
बचा लो इसे जो मिली हे तुम्हे
विरासत में
वरना जानलो
छिन जायेगी तुम्हारी फिर यह स्वतन्त्रता ।
...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. मोल तुम इक जान लो
    कहना तुम मान लो
    बचा लो इसे जो मिली हे तुम्हे
    विरासत में
    वरना जानलो
    छिन जायेगी तुम्हारी फिर यह स्वतन्त्रता ।


    -बिल्कुल सही कहा!

    जवाब देंहटाएं
  2. swatantrata aur swakchhandta mein bahut antar hai....
    freedom and responsibilities are siamese twins..., they die if they are parted!
    hum sab apni jimmedariyan samjhen...nahi to jaisa kavi ne kaha...
    "छिन जायेगी तुम्हारी फिर यह स्वतन्त्रता ।"

    sateek bhavavivyakti!

    जवाब देंहटाएं

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