तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 अगस्त 2010
जन्माष्टमी को लेकर असमंजस
कोटा में जन्माष्टमी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई हे यहाँ जन्माष्टमी की सरकारी छुट्टी भी स्टेट टाइम से ही दुसरे दिन होती हे और इस कर्ण भी यहाँ के पंडितों का गुणा भाग ने श्रद्धालुओं को सांसत में डाल रखा हे , कोटा में जन्माष्टमी का त्यौहार पूर्ण श्रद्धा और उत्सव के साथ मनाया जाता हे यहाँ टीपता पाटनपोल इलाके में महाराज दुर्जन साल कृष्ण भगवान के भक्त हो गये थे और हालत यह हुई की उन्होंने खुद का नाम भी बदल कर कृष्णदास रख लिया , महाराजा दुर्जन साल के कार्यकाल में १७९५ में कोटा पाटनपोल इलाके में मथुराधीश जी की मूर्ति स्थापित कर विशाल ऐतिहासिक मन्दिर बनाया गया और इस इलाके में हर सा विशाल उत्सव होने लगा इसी लियें इस इलाके का नाम ही नन्द ग्राम रख दिया गया तो दोस्तों जन्माष्टमी के ममले में एक तो कोटा में विशाल ऐतिहासिक मथुराधीश जी का मन्दिर हे जो अपने आप में आदरणीय हे दसरी बात यह हे के यहाँ श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद रात भर जश्न की रत होती हे और श्रद्धालु जब थक र सो जाते हें तो सरकारी छुट्टी पुरे राजस्थान में जिस दिन होती हे उसके दुसरे दिन मनाई जाती हे इस मामले में राजस्थान पंचांग शिक्षा केलेंडर और हाई कोर्ट केलेंडर में भी विशिष्ट रूप से यह शर्त दर्ज हे , सभी श्रद्धालुओं ,ब्लोगर बहन भाइयों को जन्माष्टमी के अवसर पर मेरी और मेरे परिवार की और से हार्दिक बधाई। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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