आपका-अख्तर खान

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24 अगस्त 2010

तमन्ना दिल में रह गयी


आज
दम निकला
जाता हे
तो याद आया
जिसे मिलने की
तमन्ना थी
दिल में
वोह
मेरे सामने हें ,
उफ़
यह केसा मंजर हे
उन्होंने पूंछा भी नहीं
और हमने
बताया भी नहीं
बस
इसी तरह
म़ोत आ गयी
और तमन्ना
मिलने की
उनसे
दिल की
दिल में
घुट कर
रह गयी।

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