आपका-अख्तर खान

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04 जुलाई 2010

आम हो जाए

अमीरों का इस देश में
काम हो जाए
गरीबी खत्म हो
महंगाई आम हो जाए
हुक्म चले अमेरिका का
मनमोहन का इसमें नाम हो जाए
भूख मरी अब शायद
ना रहे देश में
भूखों को सलाम हो जाए
कुछ हो देश में ऐसा
गरीबों का
रहना यहा हराम हो जाए
महंगाई बढाने वालो
तुम अब अपनी सोचो
देश में कहीं कोहराम ना हो जाए।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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