आपका-अख्तर खान

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04 जुलाई 2010

दहेज़

लाल साडी में
लिपटी वोह
सुंदर दुल्हन
देखो सिसक रही हे
कभी आंसू पोंछ रही
तो कभी माँ से लिपट रही हे
जमाना हे दहेज़ का
दहेज़ नहीं मिला
तो देखो
बारात
बिना दुल्हन को लिए
खिसक रही हे ॥
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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