बीच सडक पर
दो शरीफ कुत्ते
चले जा रहे थे
एक ने दुसरे से कहा
यार
इंसानियत क्या चीज़ होती हे
दुसरा
कुछ जवाब देता
स
इसके पहले ही
पहले का पाँव दुसरे पर पढ़ गया
दुसरे ने इस पर
एतराज़ जताया
पहले तू तू में में
फिर
एक दुसरा
एक दुसरे पर गुर्राया
पहले कुत्ते ने
गुस्से में आकर आखिर
दुसरे से कह ही दिया
मुझसे मत अडो
कहीं ऐसा न हो
मेरे अंदर का इंसान
जाग जाए
और फिर बस
खून खराबे के अलावा कुछ ना बचे
दुसरे ने कहा
कुत्ते भाई
शायद आपकी इसी बात को
इंसानियत कहते हें
और फिर बेचारे
दोनों
शरीफ कुत्ते
उनके अंदर की
इंसानियत ना जाग जाए
इसी डर से दुम दबा कर
अलग अलग हो लिए ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 जुलाई 2010
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शानदार पोस्ट
जवाब देंहटाएं...बेहतरीन रचना !!!
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