तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 जून 2010
कोटा पुल हादसा एडरसन को भगाने की तर्ज़ पर
कोटा में पिछले दिनों चम्बल पुल का खतरनाक जानलेवा हादसा और अभियुक्तों के साथ रियायत एक समान हालत में हें कोटा चम्बल हादसे में ग्रह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल की संवेदनशीलता के चलते दोषी लोगों को दण्डित करने के लियें मुकदमा दर्ज किया गया और फिर आई जी पुलिस कोटा राजीव दासोत ने दोषी लोगों को पकड़ कर जेल में डलवाया आज हालात बदले बदले से हें चम्बल पुल दुर्घटना के ज़िम्मेदार अधिकारी जमानत पर हें और जो मुख्य अभियुक्त ऍन एच आई के अधिकारी और वरिष्ट कम्पनी अधिकारी कोटा जिले के प्रशासनिक और लेबर निरीक्षक अधिकारी वोह खुले आम घूम रहे हें जो लोग अपराधी थे वही दुबारा इस पुल का निर्माण कर रहे हे अभियुक्तों को पकड़ा नही जा रहा हे सरकार की जांच रिपोर्ट चींटी चाल से चल रही हे इससे यह स्पष्ट हे के अब दोषी ओगों को सजा दिलवाने के मामले में सरकार गम्भीर नहीं हे और अधिकारियों पर दबाव हे जेसे प्रशासन ने भोपाल हादसे के बाद एडरसन सहित कई आरोपियों की मदद कर उन्हें भगाया था इसी तर्ज़ पर किसी दबाव में हमारी सरकार इसके अधिकारी दोषी लोगों के खिलाफ अब कुछ करने के मुड में नहीं हे हालात साफ हें के मुकदमा अदालत में हे अभियुक्त अरबपति हें लेकिन सरकार के पास विशिष्ट लोक अभियोजक नियुक्त करने की समझ नहीं हे इतना ही नहीं अन्य जो दोषी हें उन्हें अब तो सरकार ही अनजानेदबाव में बचाने के कहे प्रयासों में लगी हे सरकार ,सरकार के मंत्री और अधिकारियों की इस चम्बल हादसे में वर्तमान भूमिका खुद ब खुद संदिग्ध हे और एडरसन की मदद की तरह ही अपराधियों की मदद की जा रही हे पिछले दिनों हेयुमन रिलीफ सोसाइटी के माध्यम से मेने और तकनीकी विशेषग्य इंजीनियर रवि जेन ने एक संयुक्त शिकायत राजस्थान मान्वाधिआर आयोग ओ भेजी थी जिस पर प्रसंज्ञान लेकर आयोग ने जिला कलेक्टर को विशेष दिशा निर्देश देते हुए कार्यवाही के आदेश दिए थे लेकिन दो माह गुजरने के बाद भी कलेक्टर या प्रशासन ने इस सम्बन्ध में शिकायतकर्ताओं को बुलाकर ब्यान तक रिकोर्ड नहीं करवाए हें इससे स्पष्ट हे के कोटा चम्बल हादसे में क्या लिपा पोती च रहे हे लेकिन कहते हें खून सर चढ़ कर बोलता हे कोटा में अपराधियों को छोड़ने के मामले में एक बार फिर सरकार की किरकिरी होगी अब देखते हें राजशतान सरकार इस मामले में क्या गुल खिलाती हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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अख्तर भाई,
जवाब देंहटाएंये व्यवस्था वे ही लोग चलाते हैं, ये उन को कैसे सजा दे सकती है।