आपका-अख्तर खान

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10 जून 2010

अच्च्चा जनाब फिर मिलेंगे

जनाब आदाब अर्ज़ हे जेसा के आपको पता हे हम अब अवकाश पर जा रहे हें जिंदगी रही तो करीब चार दिन बाद मिलेंगे। आपके मन में क्या हे लेकिन मुझे तो आपसे बिछड़ने का गम हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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