तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 जून 2010
अच्च्चा जनाब फिर मिलेंगे
जनाब आदाब अर्ज़ हे जेसा के आपको पता हे हम अब अवकाश पर जा रहे हें जिंदगी रही तो करीब चार दिन बाद मिलेंगे। आपके मन में क्या हे लेकिन मुझे तो आपसे बिछड़ने का गम हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
जी मिलते रहेंगे!!
जवाब देंहटाएं