तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 अप्रैल 2010
पानी बचाओ के नाम पर फिजुलखर्ची
हमारे देश में इन दिनों भविष्य में पानी नहीं मिलेगा इसके लियें पानी बचाओ का अभियान एक डरावने भुत की तरह चलाया जा रहा हे अखबारों और टीवी के जरिये भविष्य की काल्पनिक तस्वीर बता कर उनका आज खराब किया जा रहा हे यह सब मीडिया अपने फायदे के लियें कर रहा हे क्योंकि आप सारे अखबार उठा कर देख लें टीवी देख लें सभी में करोड़ों रूपये के सरकारी विज्ञापन इसी बात के मिलेंगे की पानी बचाओ अखबार और टीवी इस मामले में कथित अभियान भी चला रहे हें लेकिन किसी भी अखबार ने सरकारी एजेंसी पर ऊँगली उठा कर यह नहीं खा हे के अरबों खरबों खर्च के बाद भी पानी की व्यवस्था क्यों नहीं हुई वोह जनता का पैसा कहां गया ज्ल्योज्नाये पूरी क्यों नहीं हुईं सरकार नें तालाबों पर मकान क्यों बनवा दिए पानी के स्तोताज वाले तालाबों को क्यों खत्म कर दिया गया क्यों नदियों पाइप लाइनों में से पानी व्यर्थ बह रहा हे आजकल तो पानी बरसाने की किर्त्रिम योजनायें चल रही हें वोह पानी क्यूँ बनाया नहीं जा रहा बात साफ़ हे के अखबार टीवी जनहित की अगर यह खबरें उजागर करेंगे तो अरबों रूपये का भ्रष्टाचार उजागर होगा और फिर इन्हें सरकार के मिलने वाले अरबों रूपये के मुफ्त के विज्ञापन मिलना बंद हो जायेंगे अगर केंद्र और राज्य सरकारों के पानी बहाने के नाम के विज्ञापनों का हिसाब लगायें तो इस विज्ञापन खर्च में सेकड़ों पेयजल योजनाएं तय्यार कर करोड़ों लोगों की प्यास बुझाई जा सकती हे लेकिन आज अखबार,टीवी सरकार के साथ विज्ञापन की रिश्वत के बदले चोर चोर मोसेरे भाई बन गये हें और इसीलियें आज जनता इन लुटेरों के बिच में फंस रही हे सभी ब्लोगर भाइयों से अनुरोध हे के वोह इस सच को जनता के सामने उजागर करें और पुरानी पयजल योजनाओं को चालु करवाएं साथ हइ क्रत्रिम बरसात और पानी पैदा करने की योजनाओं पर भी जोर दिया जाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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